दृश्य: 0 लेखक: साइट सम्पादक समय प्रकाशन समय: 2021-12-29 मूल: क्षेत्र
अग्रिम, Hangao Tehc (Seko Machinery) भवन्तं तान् अवगन्तुं निरन्तरं करिष्यति यत् वेल्डिंग-प्रक्रियायाः समये ये समस्याः भवितुम् अर्हन्ति, तथा च एतादृशानां समस्यानां निवारणं समाधानं च कर्तुं भवन्तं साहाय्यं करोति।
03 वेल्डिंग गर्म दरार (वेल्डों में खरीदारी दरार, हीट-प्रभावित क्षेत्र में द्रवीकरण दरार)
ताप-क्रैकिंगस्य संवेदनशीलता मुख्यतया सामग्रीयाः रासायनिक-संरचनायाः, संगठनस्य, कार्यप्रदर्शनस्य च उपरि निर्भरं भवति । NI is easy to great low gilling point compounds or eutectic with s and p जैसे S तथा P. बोरन और सिलिकॉन के पृथक्करण तापीय क्रैकिंग को बढ़ावा देगा।.. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .
वेल्ड सीम को दृढ़ स्तम्भ स्फटिक संरचना का निर्माण करने के लिए सुलभ है, जो हानिकारक अशुद्धियों एवं तत्वों के पृथक्करण के लिए अनुकूल होता है। एतेन निरन्तर-अन्तर-गर्भात्मक-द्रव-चलचित्रस्य निर्माणं प्रवर्धितं भवति तथा च ताप-तृतरेण संवेदनशीलतां सुधरयति । यदि वेल्डिंग एकरूपतया तापितं न भवति तर्हि बृहत्तरं तनावपूर्णं तनावं निर्मातुं वेल्डिंग-उष्ण-दरारस्य पीढीं प्रवर्तयितुं च सुलभम् अस्ति
निवारक उपाय : १.
एकः। हानिकारक अशुद्धियों के सामग्री को कठोर रूप से नियंत्रित करें s और पृ.
ख. वेल्ड धातु के संगठन को समायोजित करें। द्वय-चरण-संरचना वेल्ड्-इत्यस्य उत्तमं क्रैक-प्रतिरोधं भवति । वेल्ड्-मध्ये डेल्टा-चरणं धान्यान् परिष्कृत्य, एक-चरण-आस्टेटाइट्-इत्यस्य दिग्गततां निवारयितुं, धान्य-सीमायां हानिकारक-अशुद्धीनां पृथक्करणं न्यूनीकर्तुं शक्नोति, तथा च डेल्टा-चरणं अधिकं S तथा P तथा P अन्तर-स्तरीय-ऊर्जां न्यूनीकर्तुं शक्नोति तथा च अन्तर-ग्रैनिकलर-द्रव-चलच्चित्रस्य निर्माणं व्यवस्थितं कर्तुं शक्नोति
ग. वेल्ड धातु मिश्र धातु रचना को समायोजित करें। एकल-चरणीय-आस्टैनिकटिक-इस्पातस्य MN, C, N इत्यस्य सामग्रीं समुचितरूपेण वर्धयन्तु, तथा च Cerium, Pickaxe, Tantalum (यत् वेल्ड्-संरचनायाः पुनः परिष्कृत्य धान्यसीमायाः शुद्धीकरणं कर्तुं शक्नोति) इत्यादीनां लेश-तत्त्वानां अल्पमात्रायां योजयन्तु, यत् थर्मल-दरारस्य संवेदनशीलतां न्यूनीकर्तुं शक्नोति ।.. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .
घ. प्रक्रिया मापक। स्थूलस्तम्भस्फटिकानाम् निर्माणं न भवेत् इति द्रवितकुण्डस्य अतितापनं न्यूनीकरोतु । लघु हीट इनपुट तथा लघु क्रॉस-सेक्शन वेल्ड मोती का उपयोग करें। एकम् वेल्डिंग-यन्त्रस्य समये चाप-स्थिरीकरण-यन्त्रं योजितुं शक्यते यत् द्रव-कुण्डस्य क्षेत्रं न्यूनीकर्तुं, वेल्डिंग-बन्दूकस्य कार्य-दक्षतां सुधारयितुम्, वेल्डिंग-गुणवत्तायाः उन्नतिः च कर्तुं शक्यते
यथा, 25-20 Austenicitic इस्पातं द्रवीकरण-दार-दरार-प्रवणम् अस्ति । आधार सामग्री के अशुद्धि सामग्री एवं कण का आकार को सख्ती रूप से सीमित करना संभव है, उच्च-ऊर्जा घनत्व वेल्डिंग विधि को अपनाते हैं, छोटे ताप इनपुट को तोड़ने और जोड़ों की शीतलन दर को बढ़ाते हैं।
04 वेल्डेड सन्धि का भर्धीकरण 1 .
ताप-शक्तियुक्त-इस्पातेन वेल्डेड्-सन्धि-प्लास्टिसिटी सुनिश्चितं करणीयम् येन उच्च-तापमान-अङ्कुरता-निवारणं भवति; वेल्डेड-सन्धिषु न्यून-तापमान-भंगुर-भङ्गस्य निवारणाय न्यून-तापमान-इस्पातस्य उत्तमं न्यून-तापमान-कठोरता आवश्यकी भवति
05 बृहत् वेल्डिंग विकृति .
न्यूनतापवाहकता तथा विशालविस्तारगुणकस्य कारणतः वेल्डिंगविकृतिः विशाला भवति, विकृतिं निवारयितुं क्लैम्पस्य उपयोगः कर्तुं शक्यते ऑस्टेनटिक स्टेनलेस स्टील का वेल्डिंग विधि एवं वेल्डिंग सामग्री का चयन:
ऑस्टेनटिक स्टेनलेस स्टील के वेल्ड किया जा सकता है Argon Tungsten Arc Welding (TIG), मौडल आर्गिंग आर्क वेल्डिंग (MIG), प्लाज्मा आर्गन आर्क वेल्डिंग (PAW) तथा डुबकी चाप वेल्डिंग (SAW).
ऑस्टेनटिक स्टेनलेस स्टील इत्यस्य न्यूनवेल्डिंग-प्रवाहः अस्ति यतोहि तस्य निम्न-विगलन-बिन्दुः, न्यून-ताप-चालकता, उच्च-विद्युत्-प्रतिरोधकता च अस्ति उच्च-तापमान-निवास-समयस्य न्यूनीकरणाय, कार्बाइड्-वृष्टिः, वेल्ड्-संकोचनस्य तनावस्य न्यूनीकरणं, ताप-क्रैङ्क-संवेदनशीलतां न्यूनीकर्तुं च संकीर्ण-वेल्ड्-बीड्-योः उपयोगः करणीयः
वेल्डिंग सामग्री, विशेषतः सीआर तथा ni मिश्र धातु तत्त्वों के रचन आधार सामग्री से अधिक है। वेल्डर प्रतिरोधं (शीतं क्रैकिंग, गर्म क्रैकिंग्, तनावस्य क्रैकिंग्) प्रदर्शनं सुनिश्चितं कर्तुं फेराइटस्य अल्पमात्रायां (4-12%) वेल्डिंगसामग्रीणां उपयोगं कुर्वन्तु।
यदा वेल्ड्-मध्ये फेराइट-चरणस्य अनुमतिः न भवति वा असम्भवः न भवति तदा वेल्डिङ्ग-सामग्री MO, MN इत्यादीनां मिश्र-धातु-तत्त्वानि युक्ता वेल्डिंग-सामग्री भवेत्
वेल्डिङ्ग-सामग्रीषु C, S, P, SI, NB च यथासम्भवं न्यूनं भवेत् । एनबी शुद्ध औस्टेनटिक वेल्ड में ठोसीकरण दरार का कारण बन जाएगा, परन्तु वेल्ड में अल्प परिमाण के फेराइट को प्रभावी रूप से परिहार किया जा सकता है।
वेल्डिंग संरचनाओं के लिए जिनके वेल्डिंग के बाद स्थिरीकरण या तनाव-विश्लेषित करने की आवश्यकता होने की आवश्यकता है, NB-युक्त वेल्डिंग सामग्री प्रायः का प्रयोग किया जाता है। डुबन्तचापवेल्डिङ्गस्य उपयोगः मध्यफलकस्य वेल्डिङ्गं भवति, तथा च CR तथा Ni इत्येतयोः ज्वलनहानिः प्रवाहस्य संक्रमणेन तथा वेल्डिंगतारस्य मिश्रधातुतत्त्वैः पूरयितुं शक्यते
विशालप्रवेशगहनतायाः कारणात् वेल्डस्य केन्द्रे उष्णदराराणां घटनं, ताप-प्रभावितक्षेत्रे जंगप्रतिरोधस्य न्यूनीकरणं च निवारयितुं परिचर्या ग्रहीतव्या पतलावेल्डिंगतारं, लघुतरं वेल्डिंग तापनिवेशं च चयनं कर्तुं ध्यानं दातव्यम् । वेल्डिङ्ग-तारस्य SI, S, पृष्ठं च न्यूनं भवितुम् आवश्यकम् अस्ति ।
ताप-प्रतिरोधी स्टेनलेस स्टील वेल्ड् इत्यस्मिन् फेराइट्-सामग्री ५% अधिकं न भवेत् । 20% अधिक CR तथा NI सामग्री के साथ ऑस्टेनिकटिक स्टेनलेस स्टील के लिए, उच्च MN (6-8%) वेल्डिंग तार का उपयोग किया जाना चादलें, और अल्कालिन या तटस्थ प्रवाह के रूप में प्रवाह के रूप में उपयोग किया जाना चादहए ताकि वेल्ड के साथ SI के अतिरिक्त को रोकने के लिए उसके क्रैक प्रतिरोध को सुधारित करना चाहिए।.. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .
ऑस्टेनिक स्टेनलेस स्टील के लिए विशेष प्रवाह SI की अत्यल्प वृद्धि है, जो मिश्र धातु को वेल्ड पर स्थानांतरित कर सकता है और वेल्ड प्रदर्शन और रासायनिक रचना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मिश्र धातु तत्त्वों की ज्वलन्त हानि के लिए क्षतिपूर्ति कर सकते हैं।.. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .